• महावीर नरसिंह बॉक्स ऑफिस हिट—'महावीर नरसिंह' ने बॉलीवुड में छठवाँ सबसे बड़ा हिट बनने का गौरव प्राप्त किया
  • मेजर आसिम मुनीर की परमाणु धमकी पर कड़ा पलटवार—दिल्ली में इसे ‘nuclear sabre-rattling’ कहते हुए इसे स्वीकार नहीं करने का ऐलान
  • रवि किशन की मांग - खाने के रेट और क्वालिटी पर कानून बने भाजपा सांसद रवि किशन ने केंद्र सरकार से ढाबों और होटलों में खाने की कीमत, मात्रा और गुणवत्ता तय करने के लिए कानून बनाने की मांग की.
  • महाराष्ट्र कैबिनेट में फेरबदल, माणिकराव कोकाटे से कृषि मंत्रालय छीना गया, अब दत्तात्रेय भरणे होंगे नए कृषि मंत्री। दोनों नेता अजित पवार गुट से हैं.
|

भाजपा का पंचायत चुनावों में जलवा बरकरार, कांग्रेस बेअसर

यह नतीजे बताते हैं कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व, संगठन की एकजुटता और जनता के भरोसे ने विपक्ष को चुनावी मैदान में शुरू से ही कमजोर स्थिति में ला दिया है।

भाजपा का पंचायत चुनावों में जलवा बरकरार कांग्रेस बेअसर

देहरादून। उत्तराखंड में चल रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में भाजपा ने एक बार फिर अपना दबदबा साबित कर दिया है। आज नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी होते ही पार्टी को कई बड़े पदों पर बिना मुकाबले जीत हासिल हुई। टिहरी जिले से भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी इशिता सजवाण जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध चुनी गईं। इसके साथ ही प्रदेश के पांच ब्लॉक प्रमुख पदों पर भी भाजपा प्रत्याशियों ने बिना वोटिंग के विजय हासिल की।

मोरी (उत्तरकाशी) से रणदेव सिंह, अगस्त्यमुनि (चमोली) से भुवनेश्वरी देवी, थौलधार (टिहरी गढ़वाल) से सुरेंद्र भंडारी, ओखलकांडा (नैनीताल) से केशव दत्त और हल्द्वानी (नैनीताल) से मंजू गौड़ ब्लॉक प्रमुख पद पर निर्विरोध विजयी रहे। यह भाजपा के लिए केवल चुनावी सफलता नहीं, बल्कि संगठन की मजबूती और रणनीतिक कौशल का भी प्रमाण है।

अब तक प्रदेश में भाजपा के 5 जिला पंचायत अध्यक्ष और 16 ब्लॉक प्रमुख निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। यह नतीजे बताते हैं कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व, संगठन की एकजुटता और जनता के भरोसे ने विपक्ष को चुनावी मैदान में शुरू से ही कमजोर स्थिति में ला दिया है। भाजपा ने न केवल सही प्रत्याशी चुने बल्कि जमीनी स्तर पर चुनावी समीकरण भी सटीक तरीके से साधे, जिसका नतीजा यह है कि कई जगह विपक्ष नामांकन दाखिल करने या मजबूत चुनौती देने तक में असफल रहा।

कांग्रेस की कमजोर होती पकड़
इन नतीजों ने कांग्रेस की लगातार कमजोर होती चुनावी पकड़ को और उजागर कर दिया है। कई क्षेत्रों में पार्टी मुकाबला खड़ा करने में भी नाकाम रही, जिससे उसके कार्यकर्ताओं का मनोबल और गिर सकता है। भाजपा के निर्विरोध जीतते प्रत्याशियों की संख्या विपक्ष के लिए एक बड़ा संकेत है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में भी लड़ाई आसान नहीं होगी।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा की यह जीत 2027 की दिशा में भी मजबूत संदेश दे रही है। पंचायत चुनावों में इस तरह की एकतरफा सफलता अक्सर अगले बड़े चुनावों के लिए माहौल तैयार कर देती है। भाजपा के लिए यह केवल स्थानीय निकायों में प्रभाव बढ़ाने का मौका नहीं, बल्कि आने वाले वर्षों में राजनीतिक आधार को और मजबूत करने का साधन भी है।

मुख्यमंत्री धामी ने जीत पर सभी निर्वाचित प्रत्याशियों को बधाई देते हुए कहा कि यह जनता के अटूट विश्वास और भाजपा की सेवा-समर्पण की नीति की जीत है। वहीं कांग्रेस खेमे में सन्नाटा पसरा हुआ है और पार्टी नेतृत्व के सामने अपनी चुनावी रणनीति को नए सिरे से तैयार करने की चुनौती खड़ी हो गई है।

Related to this topic: