• कृषि सुधार – किसानों की आय दोगुनी करने और तकनीक से खेती को लाभकारी बनाने पर जोर।
  • महिला सशक्तिकरण – महिलाओं के लिए शिक्षा, सुरक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता बढ़ाने के लिए विशेष योजनाओं का ऐलान।
  • युवा सशक्तिकरण – स्टार्टअप, स्किल डेवलपमेंट और शिक्षा सुधारों से युवाओं को नए अवसर देने की घोषणा।
  • महंगाई नियंत्रण – इस दिवाली महंगाई में कमी, GST दरों में कटौती और रोज़मर्रा के सामान सस्ते करने का वादा।
  • गरीबी उन्मूलन – 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर, आने वाले वर्षों में शून्य गरीबी लक्ष्य हासिल करने की योजना
  • आत्मनिर्भर भारत – हर क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक और उत्पादन को बढ़ावा, भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने का संकल्प
  • महावीर नरसिंह बॉक्स ऑफिस हिट—'महावीर नरसिंह' ने बॉलीवुड में छठवाँ सबसे बड़ा हिट बनने का गौरव प्राप्त किया
  • मेजर आसिम मुनीर की परमाणु धमकी पर कड़ा पलटवार—दिल्ली में इसे ‘nuclear sabre-rattling’ कहते हुए इसे स्वीकार नहीं करने का ऐलान
  • रवि किशन की मांग - खाने के रेट और क्वालिटी पर कानून बने भाजपा सांसद रवि किशन ने केंद्र सरकार से ढाबों और होटलों में खाने की कीमत, मात्रा और गुणवत्ता तय करने के लिए कानून बनाने की मांग की.
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छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल पर सियासी घमासान, कांग्रेस का सरकार पर हमला

छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज का स्वास्थ्य मंत्री पर बड़ा हमला, बोले– बीमार हो चुका है प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग, मंत्री मीडिया स्टंटबाजी में लगे हुए है।

रायपुर। प्रदेश में स्वास्थ्यकर्मियों और एनएचएम (NHM) कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) अध्यक्ष दीपक बैज ने मंगलवार को राज्य सरकार और विशेषकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है, अस्पतालों में मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।

दीपक बैज ने प्रेसवार्ता में कहा कि स्वास्थ्य विभाग आज “बीमार” हो चुका है और इसकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी खुद मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मंत्री को जनता और स्वास्थ्यकर्मियों की चिंता नहीं है, बल्कि वे मीडिया स्टंट करने और शराब की दुकानों का निरीक्षण करने में व्यस्त रहते हैं। “जब पूरे प्रदेश के अस्पतालों में इलाज ठप है, तब मंत्री महोदय आबकारी विभाग का काम करने निकल जाते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री को चाहिए कि स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ आबकारी विभाग की जिम्मेदारी भी इन्हीं को सौंप दी जाए,” बैज ने व्यंग्य किया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि प्रदेश के हजारों स्वास्थ्यकर्मी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार ने उनकी सुध लेने की जगह लापरवाही दिखाई है। परिणाम यह है कि आज सामान्य मरीजों से लेकर गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोग अस्पतालों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। गांवों और कस्बों में तो स्थिति और भी भयावह हो चुकी है।

बैज ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार जनता के मूलभूत अधिकारों से खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं का ठप होना केवल एक प्रशासनिक विफलता नहीं है बल्कि यह आम जनता के जीवन से जुड़ा सवाल है। “प्रदेश की जनता इलाज से वंचित हो रही है और मंत्री महोदय को जरा भी चिंता नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है और जनता इसके लिए जिम्मेदार लोगों से जरूर सवाल पूछेगी,” उन्होंने जोड़ा।

इस पूरे प्रकरण पर राजनीतिक हलकों में भी चर्चा तेज हो गई है। विपक्षी दल कांग्रेस लगातार सरकार पर दबाव बना रहा है, जबकि स्वास्थ्य विभाग हड़ताल खत्म करने के लिए कर्मचारियों से बातचीत का दावा कर रहा है। मगर फिलहाल कोई ठोस समाधान निकलता दिखाई नहीं दे रहा।

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