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देश के 14 राज्यों में ही तिरंगा झंडे भेजे जाते थे

17 राज्यों में आन-बान और शान से फहराया जाएगा, ग्वालियर शहर में बना राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा

साल 2016 में ग्वालियर की मध्य भारत खादी संघ को राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण करने के लिए चुना गया

सुयश शर्मा, ग्वालियर। 15 अगस्त यानी स्‍वतंत्रता दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में बने राष्ट्रीय ध्वज "तिरंगा" इस बार देश के 17 राज्यों में फहराया जाएगा। अब तक यहां बने तिरंगा झंडे 14 राज्यों में हीं फहराए जाते थे, लेकिन अब केरल, कर्नाटक और तेलंगाना राज्य भी जुड़ गए हैं। खास बात यहा है कि इन तिरंगा झंडों को मध्य भारत खादी संघ द्वारा तैयार किया जाता है। साल 2016 में इस संस्था को राष्ट्रीय ध्वज तैयार करने के लिए चुना गया और तभी से संस्था राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का निर्माण (तैयार) करती चली आ रही है।

हमारे देश भारत की आन-बान और शान का प्रतीक "तिरंगा" शासकीय और अशासकीय इमारतों पर शान से लहराता है जो देशवासीयों को एक अलग ही गर्व की अनुभूति कराता है..लेकिन आन-बान और शान से लहराता यह तिरंगा कैसे तैयार किया जाता है ये आज हम आपको बताते हैं.. कि किस तरह से राष्ट्रीय "ध्वज तिरंगा झंडा" कैसे तैयार किया जाता है,जो कि देश में केवल तीन ही स्थानों पर ही बनाया जाता हैं। जिसमें एक महत्वपूर्ण स्थान मध्य प्रदेश का ग्वालियर शहर है..इस के अलावा महाराष्ट्र के मुंबई और कर्नाटक के हुबली शहर में ये तिरंगा झंडे तैयार किए जाते हैं

देश के 14 राज्यों में ही तिरंगा झंडे भेजे जाते थे 

ग्वालियर में इन तिरंगा झंडो को मध्य भारत खादी संघ द्वारा तैयार किया जाता है, अब तक संघ द्वारा देश के 14 राज्यों में ही तिरंगा झंडे भेजे जाते थे, लेकिन साल 2024 में केरल और कर्नाटक दो नए राज्य जुड़े अब साल 2025 में  तेलंगाना राज्य के जुड़ने से 17 राज्यों में तिरंगा झंडे इस 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भेजे जा रहे हैं। जिससे देश में ऐतिहासिक शहर ग्वालियर की एक अलग ही पहचान बनती जा रही है। 20 प्रकार के परीक्षण करने के बाद विभिन्न प्रकार के मानकों को पूरा कर राष्ट्रीय ध्वज को 6 दिन में तैयार ISI की सील (मुहर) लगती है। 

साल 2016 में इस संस्था को राष्ट्रीय ध्वज तैयार करने के लिए चुना गया 

मध्य भारत खादी संघ, ग्वालियर के सचिव रमाकांत शर्मा ने बताया कि संस्था की स्थापना लगभग साल 1925 में महात्मा गांधी के चरखा संघ के तौर पर हुई थी। साल 1956 में इस संस्था को मध्य भारत की कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों ने भी स्वयं से जोड़ा और साल 2016 में इस संस्था को राष्ट्रीय ध्वज तैयार करने के लिए चुना गया और तभी से ये संस्था राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का निर्माण (तैयार) करती चली आ रही है। मध्य भारत खादी संघ की स्थापना  साल 1925 में महात्मा गांधी के चरखा संघ के तौर पर हुई थी

80 लाख रुपए के 14 हजार 800 राष्ट्रीय ध्वज तैयार करने के ऑर्डर 

गौरतलब है कि साल 1956 में मध्य भारत की कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों ने भी संस्था से स्वयं से जोड़ा। मध्य भारत खादी संघ ग्वालियर को इस साल लगभग 80 लाख रुपए के 14 हजार 800 राष्ट्रीय ध्वज तैयार करने के ऑर्डर मिला था जिसे संस्था पूरा कर चुकी है। वही 2000 से ज्यादा रिटेल में भी राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री संस्था द्वारा की गई है। जो 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आन-बान और शान से फहराया जाएगा।

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